कम मेहनत और अधिक आराम हमारी सफलता का पैमाना बन चुका है |
सेहत के लिए चलिए…।। क्योंकि चलना ही सेहत है |
हम विश्व इतिहास की सबसे कम चलने वाली पीढ़ी है | हमें इस रिकॉर्ड को यहीं रोककर चलना ही होगा | तभी पाएंगे सेहतमंद जीवन
मानव • चलना ही health है
औद्योगिक क्रांति और फिर संचार क्रांति ने सबकुछ पलट दिया। दुनिया पूरी तरह से बदल गई। हम सबने न चलने और कम से कम मेहनत को अपनी सफलता का पैमाना बना लिया। कुर्सियों की दौड़ शुरू हुई और सोफा संस्कृति का विकास हुआ। इन सबने हमारे शरीर को आलसी बनाया और दुर्भाग्य से वह बीमार होता चला गया।
व्यायाम से दूर होते हम
विश्व की लगभग 90% आबादी व्यायाम नहीं करती। चिकित्सकों के पास लगी लाइन आधी हो सकती है अगर लोग आधा घंटा रोज चलना शुरू कर दें तो। मैं अक्सर रोगियों से पूछता हूं कि आखिरी बार 3 से 4 किलोमीटर कब चले या दौड़े थे तो अधिकांश सोचते रह जाते हैं। उन्हें याद ही नहीं होता कि यह सामान्य-सा दिखाई देने वाला काम उन्होंने कब किया था। अगर आप यह काम रोजाना करें तो शायद दवाइयों की कम ही जरूरत पड़े।
निरोगी काया की कुंजी
जिन्हें चक्कर आते हों उन्हें छोड़कर सभी को चलना चाहिए। रोजाना चलने से कई रोगियों ने अपने स्वास्थ्य में सुखद और आश्चर्यजनक बदलाव महसूस किया। सेहत को लेकर हर संस्कृति बहुत सजग रही है और चलने का सभी ने बहुत गुणगान किया है। जब हम चलते हैं तो कोशिकाओं में गति होने लगती है। मांसपेशियों में गति होती है, वे लचीली बन जाती हैं, उनमें रक्त प्रवाह बढ़ता है जो कि विषैले पदार्थों को उनमें से निकालकर ले जाता है। जोड़ स्वस्थ होते हैं | तनाव दूर होता है, हम अवसाद से मुक्त होने लगते हैं।
अनिद्रा को करता है दूर
चलने या वर्कआउट करने से आंतों में गति लगती है जिससे हम कब्ज, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं से मुक्त होने लगते हैं। चलने से हम थकते हैं और थकान नींद के लिए सबसे प्रभावी दवाई है। जर्नल ऑफ क्लीनिकल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार रोजाना वर्कआउट करने या चलने वाले अनिद्रा के रोगियों में यह समस्या 55% कम हो जाती है। साथ ही दिल, किडनी और दिमाग स्वस्थ रहते हैं। नसों में बन चुके ब्लॉक हटते हैं, पथरी घुलती है।
नहीं तो दवाइयां चलेंगी
- चलने मात्र के इतने फ़ायदे देखकर सोचना लाजमी है कि कल से ही जिम जॉइन कर लेंगे या फिर मॉर्निंग वॉक पर जाने लगेंगे। लेकिन विश्व के 90% लोग छः महीने में ही व्यायाम छोड़कर उसी पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं। इसलिए जरूरी है कि इसे केवल एक निश्चित समय देने के साथ ही अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
चलने को अपनी आदत बना लें या इसे अपनी मजबूरी बना लें। घर के सामान जैसे किराना, दूध, सब्ज़ियां लेने पैदल ही जाएं। अपने गाँव या आस-पास कस्बे मे जाएं तो पैदल ही जायें |
लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
रोजाना पैदल चलने का लक्ष्य बनाए जैसे 10 हजार क़दम या 3 किलोमीटर। यह लक्ष्य आप 24 घंटे में कभी भी पूरा कर सकते हैं।
घर के मेहनत वाले काम खुद करें जैसे- सफ़ाई करना, कपड़े धोना, पौछा लगाना, बागवानी करना आदि।
तैरना, डांसिंग, बच्चों के साथ मस्ती करना या खेलना भी बहुत अच्छे और लाभदायक व्यायाम हैं।
तो आज से चलिए… क्योंकि चलना ही जीवन है… एक सेहतमंद जीवन जिसके हक़दार हैं आप…
बेहतर health का सरल उपाय
पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के अनुसार 10% वजन में कमी होती है, 1 साल तक रोजाना 40 मिनट के वर्कआउट से। अगर वजन 70 किलो है तो एक साल में ही इसे 63 किलो किया जा सकता है।
रोज़ाना चलने से…
30% ब्रेन स्ट्रोक
27% हृदय रोग
32% अल्जाइमर का ख़तरा कम होता है
और…
53% कोलन कैंसर
35% प्रोस्टेट कैंसर
53% गर्भाशय कैंसर की सम्भावना काफ़ी कम हो जाती है…
1अच्छी health के लिए चलना हे जरुरी
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